Madhur Bazaar वर्तमान समय में देश में सबसे अधिक खेले जाने वाले गैंबलिंग गेम है जो लोगों को काफी ज्यादा पसंद है और इसका मुख्य कारण इसके द्वारा दी जाने वाली उच्च स्तरीय रिटर्न है। यह बात हम सभी भली भांति जानते है की आज के समय में भारत दुनिया के उन देशो में से एक है जहा सबसे अधिक Indian Satta Gambling Games खेले जाते है। इस लेख में हम आपको 3 Matka 143 or 3 Matka 143 Guessing Ki Original Website के बारे में जानकारी देने वाले है लेकिन इससे पहले आपको Satta Matka Guessing को अच्छे तरीके से समझना होगा और यह जानना होगा की आखिर Satta Matka Guessings काम कैसे करती है? आज के समय में देश में कई तरह के गैंबलिंग गेम खेले जाते हैं और उन्हीं में Final Ank या Kalyan FInal  Ank भी शामिल है जिसमें काफी कम पैसा लगाने पर भी काफी ज्यादा पैसा मिलता है। अगर आप यह नहीं जानते कि आखिर Fix Ank का इस्तेमाल करते हुए प्रॉफिट कैसे कमाया जाता है तो जानकारी के लिए बता दे की सट्टा मटका में कई खेल होते है और उनमे सभी में अंको पर पैसा लगाया जाता है। यह सारा पैसा प्रेडिक्शन करके विभिन्न अंको पर लगाया जाता है तो ऐसे में अगर आपको Fix Fix 3 Ank पता लग जाये जो रिजल्ट में आये तो आप उन पर पैसा लगा सकते हो। अब क्युकी आपने Winning Number पर पैसा लगाया था तो ऐसे में आपको आपका पैसा बढ़कर मिलेगा।

essay on "commonwealth games" in hindi - राष्ट्रमंडल खेल निबंध?

COMMONWEALTH: GAME राष्ट्रमंडल खेल

परिचय:- राष्ट्रमंडल खेल से तात्पर्य कई देशो के एक साथ एक ही जगह पर खेले जाने वाले खेलो के विशाल आयोजन से है ! इसमें कई प्रकार के खेल एक ही दिन में अलग-अलग मैदानों पर एक ही समय में खेले जाते है ! इसमें ओलपिक के सदस्य होने वाले सभी देश मिलकर भाग लेते है और वे सभी खेल शामिल किये जाते है जो Olympic में होते है ! चार साल में होने वाली इस विशाल प्रतियोगिता को राष्ट्रमंडल खेल संघ ही संचालित करता है ! और इस पर इसका पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण होता है.
प्रथम राष्ट्रमंडल खेल:- 1930 में ओटेरिया (कनाडा) के हेमिल्टन शहर में पहली बार राष्ट्रमंडल खेलो की प्रतियोगिता की शुरुआत हुई ! तब इस प्रतियोगिता का तात्कालिक नाम ब्रिटिश एम्पायर गेम्स हुआ करता था ! भारतीय मूल के एक व्यक्ति एश्ली कपूर को सर्वप्रथम ऐसी किसी प्रतियोगिता का विचार आया जो विश्व भर के देशो के आपसी शान्ति और सोहार्द के लिए आवश्यक हो, अपना यह सुझाव उन्होंने तात्कालिक राज नेताओ को दिया ! 1928 में कनाडा के प्रमुख ATHLETE बॉबी robbinson को राष्ट्रमंडल खेलो के आयोजन का दायित्व सोंपा गया ! 1930 में इस खेल के आयोजन की शुरुआत हुई जिसमे केवल मात्र 11 देश और 400 खिलाडियों ने ही भाग लिया था ! इसके नाम में बार-बार बदलाव होने से यह कभी ब्रिटिश एम्पायर (1954) तो कभी ब्रिटिश commonwealth गेम्स (1970) कहलाया ! आखिरकार 1978 में सभी की सहमति से इसका नाम कॉमन वेल्थ गेम्स रख दिया गया ! 1998 के कुआलालम्पुर राष्ट्रमंडल खेल में एक विशेष बदलाव के रूप में क्रिकेट, हॉकी, और नेटबॉल जैसे खेलो ने भी अपना परिचय करवाया किन्तु क्रिकेट को आज भी कामनवेल्थ गेम्स में मान्यता नहीं मिल पाई है.

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भारत में कामनवेल्थ खेल:- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कामनवेल्थ गेम्स का आयोजन सन 2010 में 3 से 14 अक्टूबर के बीच हुआ ! इसमें 71 देशो के 6081 खिलाडियों ने भाग लिया था ! जिसके अंतर्गत 21 खेलो की 272 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ! 1951 के एशियाई गेम्स के बाद यह भारत विशेषकर दिल्ली के लिए भव्यता का प्रतीक था ! सभी राष्ट्रमंडल देशो तथा खिलाडियों ने इसके आयोजन और तैयारियों की प्रशंसा की ! यह एक विशाल और व्यापक स्तर की प्रतियोगिता थी जिसका सफल संचालन एक चुनोती से कम नहीं था ! भारत ने 101 पदक जीतकर इस प्रतियोगिता में अविश्वसनीय रूप से दूसरा स्थान हासिल किया था ! इसमें क्रमश: 38-स्वर्ण, 27-रजत और 36 कांस्य पदक प्राप्त किये ! ऑस्ट्रेलिया 177 पदको के साथ प्रथम स्थान पर रहा जिसमे पदको की संख्या स्वर्ण- 74, रजत-55 और कांस्य 48 थी ! जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में इन सफल खेलो के उद्घाटन और आयोजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ ! खेलो के इतने विशाल आयोजन का यह भारत में पहला अवसर था ! इसका प्रतीक-शेरा तथा थीम सोंग-जिओ, उठो, बढ़ो, जीतो रखा गया था जिसे ऑस्कर विजेता ऐ आर रहमान द्वारा तैयार किया गया था ! दिल्ली में आयोजित 2010 के राष्ट्रमंडल खेल पर काफी मात्रा में पैसा खर्च किया गया ! जिसके अंतर्गत त्वरित प्रभाव से वहा कई सडको, फ्लाईओवर, स्टेडियम, मेट्रो-रेल आदि का निर्माण कार्य किया गया ! और भी कई कार्य जो मरम्मत और सज्जा के अनुसार आवश्यक थे वे सभी समय रहते पूर्ण कर लिए गए ! 2010 के राष्ट्रमंडल खेलो की आयोजन समिति का गठन 10 फरवरी 2005 को सोसाइटी के रजि. एक्ट 1860 के अंतर्गत किया गया था ! इस आयोजन समिति का उद्देश्य सभी आवश्यक कार्यो की निगरानी के साथ इस दौरान होने वाले हर कार्य को सुचार रूप से संपन्न करवाना था ! राष्ट्रमंडल खेलो की विशेषता एक महारानी एलिजाबेथ की बैटन रिले भी जुडी है जो 29 अक्टूबर 2009 को बंकिंघ्म पैलेस से रावण हुई राष्ट्रमंडल के 54 देशो से गुजरने के बाद अंततः 3 अक्टूबर 2010 को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में पहुची ! इसने 25 जून 2010 को पकिस्तान की वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश किया ! राष्ट्रमंडल खेलो का प्रतीक हर वर्ष समान न होकर आयोजित करने वाले देश के अनुकूल बदल जाता है ! भारतीय प्रतीक शेरा का पदार्पण भी मेलबर्न के समापन समारोह में ही कर दिया गया था ! शेरा से तात्पर्य साहस, शक्ति, शौर्य और भव्यता से लिया जाता है ! भारत की भावना को प्रकट करने वाला यह शेर नारंगी तथा काली पट्टियों से सुसज्जित किया गया ! यह खिलाडियों में ‘आये और खेले’ की भावना भरकर आत्म-विश्वास बढ़ा देता है ! शेरा को बड़े दिल वाला मन जाता है ! इस प्रकार 2010 के राष्ट्रमंडल खेलो का रंगारंग समापन 14 अक्टूबर को किया गया ! और राष्ट्रमंडल खेलो का झंडा आगामी आयोजन वाले देश ग्लास्वो (Scotland) को दे दिया गया ! राष्ट्रमंडल खेलो के लिए बनाई गयी आयोजन समिति ने इसके समापन पर दिल्ली में आयोजित होने वाले इन खेलो को ‘अविश्वसनीय खेल’ की संज्ञा प्रदान की !

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